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ATMA Yojana क्या है 2023| ATMA Yojana का उद्देश क्या हे – Benefits, Form, PDF

ATMA Scheme in Hindi, ATMA Yojana: आज के आधुनिक युग में जीवनशैली पूरी तरह से बदल चुकी है। मशीनों और तकनीक के बिना आज कोई भी काम संभव नहीं है। हम केवल शहरों की ही बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि गाँव भी अब कृषि से दैनिक कार्यों में आधुनिक मशीनों और नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इसने खेती में जोखिम को कम किया है, साथ ही किसानों के श्रम, समय और खेती की लागत में भी काफी बचत की है। यह केंद्र सरकार की आत्मा योजना से संभव हुआ है.

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) जिला स्तर पर कार्यरत एक पंजीकृत सोसायटी है जो जिले के सभी कृषि संबंधित संगठनों के साथ जिले के सतत कृषि विकास के लिए किसानों के समग्र विकास के लिए काम करती है। योजना का मुख्य कार्य जिले के सभी अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों का समन्वय करना और सार्वजनिक कृषि प्रौद्योगिकी प्रणालियों का विकास करना है।

सभी तालुकों और गांवों के किसानों के लिए उनकी आवश्यकता आधारित गतिविधियों को पूरा करने के लिए ग्रामीण स्तर पर सार्वजनिक संस्थानों, निजी संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, पारा विस्तार कार्यकर्ताओं और निजी इनपुट डीलरों के संयुक्त प्रयासों से गांवों में किसान हित समूहों (किसान हित समूहों) का गठन आत्म योजना के तहत जिले की करना एक बुनियादी गतिविधि है।

ATMA Yojana का उद्देश – ATMA Yojana ka udesya kya he, fayda kya he

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान केवल खेती तक ही सीमित न रहें बल्कि प्रौद्योगिकी और मशीनों का उपयोग करना सीखें। इन दिनों ग्रामीण महिलाओं को भी आत्म योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि गांवों में जातिगत भेदभाव को दूर किया जा सके और महिलाएं भी कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकें।

ATMA Yojana की मदद से लाखों किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है

आत्म योजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र समय-समय पर किसानों के खेतों में वैज्ञानिक खेती का प्रशिक्षण देते हैं। अब तक देश के लाखों किसान आत्म योजना के तहत प्रशिक्षित होकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। पारंपरिक फसलों के अलावा दलहन, तिलहन, बागवानी और अनाज उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ मशरूम की खेती, नारियल, काजू और बांस की खेती भी प्रदान की जाती है।

यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि हमारे देश में कृषि के लिए उपजाऊ भूमि तो है, लेकिन किसानों को उनकी मेहनत के अनुसार उपज नहीं मिल पा रही है। यह काम केवल पारंपरिक खेती तक सीमित रहने से संभव नहीं है, इसलिए किसानों को आधुनिक खेती और नई तकनीकों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

ATMA Yojana की कब सरू की थी?

वर्ष 2005-06 में शुरू की गई एक कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी आत्म योजना से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कई किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ ही वे कृषि में आय बढ़ाने के तरीके अपनाकर भी अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। कई महिला किसान भी आत्म योजना से जुड़ चुकी हैं और अपने खेतों को हरा-भरा बना चुकी हैं।

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